JNU में चुनावी दस्तक, छात्रों के बीच सियासी संग्राम जल्द! यूनिवर्सिटी ने बनाई ये खास कमेटी

JNU में छात्र संघ चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। प्रशासन ने शिकायत निवारण समिति बनाई है। इस बार चुनाव जल्द होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली: JNU में अब चुनाव का माहौल बन गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चुनाव के लिए एक शिकायत निवारण समिति बनाई है। छात्र संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। इस बार JNU के छात्र संघ चुनाव नवंबर के पहले हफ्ते में हो सकते हैं। कोविड के बाद से ये चुनाव मार्च-अप्रैल में हो रहे थे, लेकिन अब उम्मीद है कि ये वापस अपने सही समय पर आएंगे। अगर चुनाव नवंबर में होते हैं, तो मौजूदा छात्र संघ का कार्यकाल सिर्फ साढ़े पांच महीने का रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, चुनाव सेशन शुरू होने के 6 से 8 हफ्तों के भीतर होने चाहिए।
JNU प्रशासन ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने एक ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी बनाई है। यह समिति चुनाव से जुड़ी शिकायतों को देखेगी। दूसरी ओर, छात्र संगठन भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। वे चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। सभी को उम्मीद है कि इस बार JNU के चुनाव सही ट्रैक पर लौटेंगे।
नवंबर में हुए चुनाव तो होगा बड़ा बदलाव
कोविड महामारी के बाद से JNU में छात्र संघ चुनाव सितंबर में नहीं हो रहे थे। ये चुनाव मार्च-अप्रैल के महीने में होते थे। उदाहरण के लिए, JNUSU 2024-25 के चुनाव 25 अप्रैल को हुए थे। वहीं, 2023-24 के चुनाव 22 मार्च 2024 को हुए थे। अब अगर चुनाव नवंबर में होते हैं, तो यह एक बड़ा बदलाव होगा।
सिर्फ 5.5 महीने का रहेगा छात्रसंघ कार्यकाल
इस बदलाव का मतलब है कि मौजूदा छात्र संघ का कार्यकाल बहुत छोटा हो जाएगा। उनका कार्यकाल सिर्फ साढ़े पांच महीने का ही रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की लिंग्दोह कमिटी ने कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों के मुताबिक, छात्र संघ चुनाव शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 6 से 8 हफ्तों के अंदर हो जाने चाहिए। नवंबर में चुनाव होने से यह नियम फिर से लागू हो पाएगा।




