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असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर बनकर पाएं मुकाम

असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) सरकारी नौकरी के उन महत्त्वपूर्ण पदों में से एक है, जो युवाओं के सामने करियर के सम्मानजनक अवसरों को पैदा करता है। यह पद मुख्य रूप से केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) में मिलता है और इसके लिए उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया को एसएससी सीजीएल परीक्षा के जरिए पूर्ण किया जाता है। अगर आप सरकारी दफ्तरों में प्रतिष्ठित पद पर काम करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस नौकरी में स्थिर करियर, अच्छा वेतनमान और पदोन्नति की संभावनाएं मौजूद रहती हैं…

असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ), वह होता है, जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में रहकर देश के विकास के लिए अपनी सेवाएं देता है। यह एक ऐसा महत्त्वपूर्ण पद है, जो किसी भी उम्मीदवार को मुख्य रूप से स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) की सीजीएल परीक्षा के जरिए मिलता है। असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर का काम फाइलों को संभालना, सरकारी नीतियों से जुड़े दस्तावेजों की तैयारी करना, अन्य अधिकारियों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना और विभागीय कार्यों का समन्वय करना होता है।

जो विदेश मंत्रालय में एएसओ के पद पर होते हैं, उन्हें विदेशों मे कार्य करने का मौका मिलता है। यह एक हाई प्रोफाइल जॉब है, एएसओ का पद अन्य जॉब की अपेक्षा बहुत ही आरामदायक है और इसमें अनेक सुविधाएं भी मिलती हैं।

योग्यता

असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर बनने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार की किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन डिग्री होनी चाहिए।

इसके लिए अधिकतर विभागों में जॉब पाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष तक होती है। आरक्षण (एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी आदि) के अनुसार आयु में छूट दी जाती है।

इसके लिए उम्मीदवार को एसएससी सीजीएल परीक्षा पास करनी होती है, जिसमें टियर-1, टियर-2, टियर-3 (डिस्क्रिप्टिव) और टियर-4 (स्किल टेस्ट/कम्प्यूटर प्रोफिसिएंसी टेस्ट) शामिल हैं।

इसके साथ ही कुछ विभागों में कम्प्यूटर नॉलेज, टाइपिंग और विदेशी मंत्रालय (एमईए) के लिए विदेशी भाषा का ज्ञान अतिरिक्त लाभ देता है।

एएसओ बनने के लिए मास्टर डिग्री जरूरी

एएसओ बनने के लिए, गणित, सांख्यिकी, वाणिज्य, और अर्थशास्त्र जैसे विषयों में मास्टर डिग्री लेनी होती है। इसके अलावा डीओईएसीसी से ‘ओ’ स्तर का डिप्लोमा भी होना चाहिए। एएसओ बनने के लिए उम्मीदवार भारतीय नागरिक या भूटान या नेपाल का नागरिक होना चाहिए। अन्य किसी देश का नागरिक भारत में एएसओ नहीं बन सकता।

सीजीएल परीक्षा के जरिए होगा चयन

असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) बनने के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल) देनी होती है। इस परीक्षा में शामिल होकर, ग्रुप ‘बी’ और ग्रुप ‘सी’ के पदों पर भर्ती की जाती है। एसएससी सीजीएल परीक्षा को उम्मीदवार जितनी बार चाहे दे सकता है। असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम एसएससी सीजीएल है, जिसके जरिए विभिन्न मंत्रालयों जैसे विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय आदि में एएसओ की भर्ती की जाती है। इस परीक्षा का आयोजन चार प्रमुख स्तर जैसे – प्रिलिम्स (टियर-1), मेन्स (टियर-2), कम्प्यूटर स्किल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के आधार पर किया जाता है।

पोस्टिंग और करियर डिवेल्पमेंट

प्रारंभिक नियुक्ति: विदेश मंत्रालय में अधिकांश सहायक सचिवों (एएसओ) की नियुक्ति पहले तीन वर्षों के लिए नई दिल्ली में होती है। हालांकि, अन्य शहरों में भी नियुक्ति की संभावना रहती है।

विदेश में नियुक्ति: पर्याप्त अनुभव (आमतौर पर 5-10 वर्ष) प्राप्त करने के बाद, सहायक सचिवों को भारतीय दूतावासों या वाणिज्य दूतावासों में नियुक्त किया जा सकता है। ये देश अमरीका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों से लेकर लेबनान या ईराक जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों तक हो सकते हैं।

विदेश मंत्रालय में काम करने का फायदा

उच्च प्रतिष्ठा और प्रभाव: विदेश मंत्रालय में कार्य करने से अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्त्वपूर्ण स्थिति और अनुभव प्राप्त होता है।

विदेश में कार्य करने का अवसर: कुछ वर्षों के बाद, सहायक सचिवों (एएसओ) को दुनिया भर के भारतीय दूतावासों में तैनात किया जा सकता है।

आधिकारिक यात्रा भत्ते: राजनयिक पासपोर्ट और संबंधित लाभ।

विशेष भत्ते: अंतरराष्ट्रीय पोस्टिंग के मामले में विदेशी भत्ते प्रदान किए जाते हैं।

जरूरी स्किल
संचार कौशल
विश्लेषणात्मक सोच
समय प्रबंधन
तकनीकी ज्ञान
टीमवर्क और नेतृत्व
नैतिकता और गोपनीयता

करियर स्कोप

असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर
सेक्शन ऑफिसर
अंडर सेक्रेटरी
डिप्टी सेक्रेटरी
डायरेक्टर

शानदार सैलरी पैकेज

एक एएसओ के पद पर काम करने वाले उम्मीदवार का मासिक वेतन 44,900 रुपए से लेकर 1,42,900 रुपए के लगभग हो सकता है।असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर को मिलने वाला अनुमानित सालाना वेतन तीन लाख-14 लाख के बीच हो सकता है। इसके साथ ही इस नौकरी में आपको समय-समय पर विशेष भत्ते भी मिलते हैं, जिससे आपकी सैलरी में बढ़ोत्तरी की संभावना रहती है। हालांकि वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।

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