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डोनाल्ड ट्रंप को सताया चीन का खौफ, बोले- ये काम नहीं किया तो हार जाएंगे AI की रेस

China vs America in AI Race: अमेरिका और चीन के बीच एआई को लेकर प्रतिस्पर्धा लंबे टाइम से चल रही है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद यह फिर से बढ़ने वाली है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डर सता रहा है कि कहीं चीन अमेरिका से AI के मामले में आगे न निकल जाए। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के सभी 50 राज्यों को साफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हर राज्य अपने-अपने अलग-अलग कानून बनाता रहा तो चीन बहुत जल्दी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के मामले में अमेरिका को पछाड़ देगा। ट्रंप चाहते हैं कि पूरे देश के लिए एक ही कानून बने, ताकि कंपनियां आसानी से काम कर सकें।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप ने अपनी सोशल साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा ‘बहुत सारे राज्य अलग-अलग नियम बना रहे हैं। इससे नई तकनीक का विकास रुक रहा है और अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमने ऐसे ही करते रहे तो चीन आसानी से हमें AI की दौड़ में हरा देगा।’ दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि कि संसद जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय कानून बनाए या इसे रक्षा बजट के बड़े बिल में जोड़ दे।

संसद को दिसंबर में रक्षा का बड़ा बिल पास करना है। ट्रंप चाहते हैं कि उसमें AI का राष्ट्रीय कानून शामिल हो जाए। कई नेता इसका विरोध कर रहे हैं, वे ट्रंप की बात से सभी सहमत नहीं हैं। रिपब्लिकन पार्टी के ही कुछ बड़े नेता जैसे सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न और जोश हॉली कहते हैं कि बच्चों को AI से खतरा है, इसलिए राज्यों को खुद कानून बनाने चाहिए। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने भी इसका विरोध किया है। गर्मियों में एक ऐसा ही प्रस्ताव 99 सीनेटरों ने नामंजूर कर दिया था।

कई राज्यों ने पहले से ही AI के लिए अपने नियम बना लिए हैं। कैलिफोर्निया ने बड़ी कंपनियों से कहा है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी दें। कुछ राज्य बच्चों की सुरक्षा के लिए कानून लाए, तो कुछ ने कॉपीराइट और नौकरी छिनने जैसे मुद्दों पर नियम बनाए। अगर एक राष्ट्रीय कानून आया तो ये सारे राज्य कानून खत्म हो जाएंगे।

सिलिकॉन वैली की बड़ी-बड़ी कंपनियां और व्यापारिक संगठन कह रहे हैं कि 50 अलग-अलग नियमों के कारण काम करना मुश्किल हो रहा है। इससे ने इनोवेशन रुक रही है। Nvidia कंपनी के बड़े अधिकारी जेन्सन हुआंग ने कहा कि चीन में एक ही नियम होने से वहां की कंपनियां बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। एक बड़ी आबादी ऐसी भी है जो डरती है कि अगर बहुत ढीला राष्ट्रीय कानून बना तो बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा, कॉपीराइट और धोखाधड़ी जैसे मुद्दों पर कोई नियम नहीं बचेगा। नौकरियां भी जा सकती हैं और लोकतंत्र को भी खतरा हो सकता है। दोनों पक्षों में जोरदार बहस चल रही है।

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