‘हम विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ते’… CJI बीआर गवई की मां ने किया RSS के आमंत्रण को स्वीकार

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की मां कमलताई गवई ने अमरावती में आरएसएस के विजयादशमी समारोह का निमंत्रण स्वीकार किया। इस पर सवाल उठने पर उनके बेटे डॉ. राजेंद्र गवई ने मां का बचाव किया। उन्होंने व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंधों को अलग बताया। यह कार्यक्रम आरएसएस के शताब्दी समारोह का हिस्सा है।
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की मां कमलताई गवई ने महाराष्ट्र के अमरावती में 5 अक्टूबर को होने वाले विजयादशमी समारोह में मुख्य अतिथि बनने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वहीं, जब इस मामले पर सवाल उठने लगे तो सीजेआई के भाई सामने आकर इस मामले पर मां का बचाव किया।
डॉ. राजेंद्र गवई ने इस फैसले के बारे में बात करते हुए कहा कि मेरी मां को 5 अक्टूबर को अमरावती में होने वाले आरएसएस के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है और मेरी मां ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। 5 अक्टूबर को होने वाला यह कार्यक्रम मुख्य कार्यक्रम नहीं है। मुख्य विजयादशमी कार्यक्रम 2 अक्टूबर को नागपुर में आयोजित किया जा रहा है।
हम किसी भी मामले में अपनी विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ते: डॉ. राजेंद्र गवई
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक संबंध अलग-अलग हैं। हम किसी भी मामले में अपनी विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ते हैं। हमारी विचारधारा मजबूत है। बता दें कि रविवार शाम को होने वाला यह कार्यक्रम, आरएसएस के शताब्दी समारोह का हिस्सा है, जो 1925 में केबी हेडगेवार द्वारा नागपुर में इसकी स्थापना के बाद से संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। आधिकारिक निमंत्रण में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य न्यायाधीश की मां को सूचीबद्ध किया गया है।
कौन हैं कमलताई गवई
कमलताई गवई पूर्व राज्यपाल और विदर्भ में रिपब्लिकन और आंबेडकरवादी आंदोलन के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय आरएस गवई की पत्नी और वर्तमान में चीफ जस्टिस बी आर गवई की मां हैं। आरएस गवई ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति, दीक्षाभूमि के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और बौद्ध स्मारक के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पुत्र, राजेंद्र गवई, वर्तमान में समिति के सदस्य हैं।




