पितरों को प्रसन्न करने का आखिरी दिन, जानें कब है सर्व पितृ अमावस्या, श्राद्ध विधि-नियम

Sarva Pitru Amavasya 2025 Date: सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम और सबसे खास दिन है. इस वर्ष 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या पड़ रही है. इस दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि के बारे में सही जानकारी नहीं होती या जिनका श्राद्ध पितृ पक्ष में किसी कारणवश नहीं किया जा सका.
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व होता है. इस पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को याद कर तर्पण और श्राद्ध करते हैं. लेकिन सर्व पितृ अमावस्या, जिसे महालय या सर्व मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं, सबसे विशेष मानी जाती है. यह दिन पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है और माना जाता है कि इस दिन जो भी श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, वह सीधे सभी पूर्वजों तक पहुंचता है. इसे पूर्वजों को सम्मान और आशीर्वाद पाने का आखिरी अवसर माना जाता है.
किसका श्राद्ध किया जाता है?
सर्व पितृ अमावस्या पर उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी पुण्यतिथि (मृत्यु तिथि) के बारे में सही जानकारी नहीं होती. जिनका श्राद्ध पितृ पक्ष में किसी कारणवश नहीं किया जा सका. इसलिए इसे सर्व पितरों का श्राद्ध कहा जाता है.
कब है सर्व पितृ अमावस्या 2025?
- अमावस्या तिथि की शुरुआत: 20 सितंबर, रात 12:17 बजे
- अमावस्या तिथि की समाप्ति: 21 सितंबर, रात 1:24 बजे
इस हिसाब से सर्व पितृ अमावस्या 2025 की तिथि: 21 सितंबर (रविवार)




