छत्तीसगढ़

मंत्रालय के सभी विभागों में अब आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य

रायपुर। पारदर्शिता, समयपालन और प्रशासनिक कार्यकुशलता को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने आज मंत्रालय के दोनों परिसरों, महानदी भवन और इन्द्रावती भवन, में कार्यरत सभी विभागों में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) लागू करने की घोषणा की है.

वरिष्ठ अधिकारियों की आज हुई बैठक में मुख्य सचिव विकास शील की उपस्थिति में नए सिस्टम का लाइव प्रदर्शन किया गया, जिसमें फेसियल ऑथेंटिकेशन आधारित उपस्थिति प्रणाली तथा दीवार पर लगाए गए आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरणों का डेमो प्रस्तुत किया गया. इस प्रणाली का परीक्षण कल से प्रारंभ होगा और 1 दिसंबर 2025 से मंत्रालय में AEBAS के माध्यम से उपस्थिति अनिवार्य होगी.

मुख्य सचिव विकास शील ने निर्देशित किया है कि 1 जनवरी 2026 से यह प्रणाली सभी संचालनालयों/ विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी लागू कर दी जाए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समय पालन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को कड़ाई से इसका पालन करना होगा.

कर्मचारियों के लिए उपस्थिति दर्ज करने के तरीके

नए प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को रोज़ाना दो बार—प्रवेश के समय “IN” और प्रस्थान के समय “OUT”—उपस्थिति दर्ज करनी होगी. इसके लिए दो विकल्प उपलब्ध किए गए हैं:

  1. मोबाइल ऐप के माध्यम से फेसियल ऑथेंटिकेशन

कर्मचारी अपने स्मार्टफोन पर आधार-आधारित फेसियल वेरिफिकेशन के माध्यम से IN/OUT उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे. यह प्रणाली सुविधा और बायोमेट्रिक सुरक्षा—दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.

  1. प्रवेश द्वारों पर लगे आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरण

मंत्रालय भवनों के प्रमुख प्रवेश द्वारों पर दीवार पर लगे थम्ब-बेस्ड आधार-सक्षम बायोमेट्रिक डिवाइसेज़ स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से कर्मचारी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.

दोनों प्रणालियाँ समानांतर रूप से संचालित होंगी और कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी विकल्प का उपयोग कर सकते हैं.

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