छत्तीसगढ़

नैला दुर्गोत्सव: म्यांमार के श्वेत मंदिर और अक्षरधाम के शीश महल की थीम पर पंडाल… हीरे-मोती से होगा अद्भुत शृंगार

रायपुर/जांजगीर-चांपा। देशभर में प्रसिद्धी हासिल कर चुका श्री दुर्गा पूजा उत्सव नैला के द्वारा दुर्गोत्सव की तैयारी पिछले करीब 1 महीने से युद्ध स्तर पर की जा रही है. यामार (बर्मा) में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्वेत मंदिर की तर्ज पर इस वर्ष 140 फीट ऊंचा भव्य प्रवेश द्वार बन रहा है. वहीं डोम पंडाल के अंदर परिसर को इस बार अक्षरधाम मंदिर के शीशमहल की तर्ज पर डिजाइन जा रहा है.

बता दें, हीरे की चमचमाती इसी शीशमहल में 35 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान होगी. भव्य कमल फूल के ऊपर मां दुर्गा इस बार लक्ष्मी स्वरूपा में स्थापित होगी. हीरे-मोती, सोने-चांदी समेत विभिन्न नवरत्नों से मां का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा. इस बार भी यहां का प्रमुख आकर्षक कोलकाता की विशेष लाइटिंग होगी अच्छी बात यह है कि श्रद्धालु इस बार नवरात्रि की पहली तारीख से ही मां दुर्गा के भव्य स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे. 22 सितंबर से ही नैला दुर्गोत्सव की धूम शुरू हो जाएगी.

सुरक्षा-पॉर्किंग की होगी विशेष व्यवस्था

श्री श्री दुर्गा पूजा उत्सव नैला के सदस्यों ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा की. राजू पालीवाल ने नैला दुर्गोत्सव का बताया कि यह आयोजन का 42वां साल है. 40 साल से यह आयोजन नैला रेलवे स्टेशन के सामने होता आ रहा था और पिछले साल से अग्रसेन भवन नैला के सामने यह आयोजन हो रहा है. यहां पर आयोजन का दूसरा साल है और पिछले साल से और अधिक इसे भव्य रूप देने की कोशिश की जा रही है. श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखने की कोशिश की जा रही है. पुलिस प्रशासन और हमारी ओर से सुरक्षा, पॉर्किंग को लेकर पूरे इंतजाम किए जाएंगे. 100 से ज्यादा सीसी कैमरे से पल-पल की रिकार्डिंग होगी. पुलिस प्रशासन के अलावा 200  से ज्यादा वॉलिटिंयर मदद की तैयार रहेंगे. श्रद्धालुओं के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी रहेगी.

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