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100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न, अब क्या करें सिल्वर ETF निवेशक?

नई दिल्ली: साल 2025 में सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) ने जबरदस्त प्रदर्शन दिया है। इस साल अब तक निवेशकों को 100 फीसदी से भी ज्यादा का रिटर्न मिल चुका है। चांदी की बढ़त ने बाकी सभी निवेशों को पीछे छोड़ दिया है। ऐसे में निवेशक इस उलझन में हैं कि क्या उन्हें अपना मुनाफा वसूल लेना चाहिए (प्रॉफिट बुकिंग) या निवेश बनाए रखना चाहिए?

ET के मुताबिक, बाजार के जानकारों की सलाह है कि अगर आपके पोर्टफोलियो में चांदी का हिस्सा तय सीमा से ज्यादा हो गया है, तो थोड़ा मुनाफा वसूल लेना चाहिए। अपने निवेश को संतुलित (रीबैलेंस) करने के लिए कुछ हिस्सा बेचकर वापस पुराने लक्ष्य पर आ जाना ही समझदारी है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

चॉइस वेल्थ के सीईओ निकुंज सर्राफ का कहना है कि चांदी में आई 110-130% की भारी बढ़त के बाद मुनाफावसूली करना सही रहेगा। अपने मुनाफे का 25 से 33 फीसदी हिस्सा निकाल लें और जब बाजार गिरे तो फिर से खरीदारी करें। 5 साल के नजरिए से निवेश करना अभी भी अच्छा है। बस इमोशनल होकर फैसला न लें और अनुशासन बनाए रखें।

फाइनैंशल रेडिएंस के फाउंडर राजेश मिनोचा का कहना है कि हालांकि मांग मजबूत है। लेकिन कम समय के लिए पैसा लगाने वालों को उतार-चढ़ाव से सावधान रहना चाहिए। वे सलाह देते हैं कि जो लोग ईटीएफ के जरिए चांदी में निवेश कर रहे हैं, उन्हें तेजी आने पर कुछ मुनाफा निकाल लेना चाहिए।

कितना दिया रिटर्न?

साल 2025 में अब तक सिल्वर ईटीएफ ने औसतन 127.31% का रिटर्न दिया है। इस दौरान 21 अलग-अलग फंड्स ने 122% से लेकर 130% तक का मुनाफा कराया। UTI सिल्वर ETF 130.02% रिटर्न के साथ सबसे आगे रहा। इसके बाद SBI सिल्वर ETF FOF ने 129.46% का रिटर्न दिया। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF ने 127.61% और टाटा सिल्वर ETF ने करीब 122.68% का फायदा कराया।

क्या अब देर हो गई है?

राजेश मिनोचा का मानना है कि अब उतने बड़े लेवल पर पैसा लगाना शायद सही न हो जितना कुछ महीने पहले था। चांदी आपके कुल निवेश का छोटा हिस्सा (5-9%) ही होनी चाहिए। नए निवेशकों को एक साथ सारा पैसा लगाने के बजाय किश्तों (SIP) में निवेश करना चाहिए। वहीं निकुंज सर्राफ का मानना है कि अभी देर नहीं हुई है, लेकिन एक साथ बड़ी रकम लगाने से बचें। उनका कहना है कि अगर चांदी के दाम गिरकर 1,70,000 से 1,78,000 रुपये प्रति किलो के पास आएं, तो खरीदारी का अच्छा मौका होगा।

आगे क्या होगा?

राजेश मिनोचा का कहना है कि अब जबकि चांदी 2 लाख रुपये के पार है, तो 2026 के लिए अगले साल शायद 2025 जैसी धमाकेदार बढ़त न मिले। मुनाफा धीरे-धीरे होगा और बीच-बीच में कीमतें गिरेंगी भी। वहीं, निकुंज सर्राफ को उम्मीद है कि सोलर सेक्टर में बढ़ती मांग और दुनिया भर में सप्लाई की कमी की वजह से 2026 में भी चांदी की मजबूती बनी रहेगी।

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