उत्तरप्रदेश

बिजली विभाग पर चला कानून का हंटर, किसान की मौत मामले में 9 साल बाद सुनाया ऐसा फैसला कि हिल गया पूरा विभाग

बाराबंकी (अर्जुन सिंह): जिले में 9 साल पुराने एक दर्दनाक हादसे पर कोर्ट नंबर 20 की सख्त कार्रवाई से पूरा सिस्टम हिल गया है। शुक्रवार दोपहर रामनगर में विद्युत वितरण खंड-II के कार्यालय पर कुर्की की कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई उस किसान कैलाश की मौत के मामले में हुई जो 2016 में ट्रांसफॉर्मर के पास खुले पड़े बिजली के तारों की चपेट में आकर मौके पर ही जान गंवा बैठे थे।

लगातार न्याय के लिए भटक रहा था किसान परिवार
आप को बता दें कि मसौली थाना क्षेत्र के बाद गांव के मृतक कैलाश की पत्नी शिवदेवी और उनके बेटे अशोक कुमार 2017 से लगातार न्याय के लिए अधिकारियों और दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे लेकिन न मुआवजा मिला न सुनवाई। मजबूर होकर परिवार को अंततः बाराबंकी कोर्ट नंबर 20 में याचिका दाखिल करनी पड़ी। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए कुर्की का आदेश दिया और आज 9 साल बाद न्याय की पहली किरण परिवार को दिखाई दी।

बिजली विभाग का कार्यालय सील
शुक्रवार शाम करीब 4 बजे तहसील प्रशासन की टीम जिसमें ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल व रामनगर पुलिस शामिल रही, बिजली विभाग के कार्यालय पहुंची और कोर्ट द्वारा निर्धारित करीब 10 लाख रुपये की कुर्की प्रक्रिया पूरी की। मृतक के बेटे अशोक कुमार ने कहा कि हम 9 साल से न्याय के लिए भटक रहे थे। आज पहली बार लगा कि हमारी आवाज अदालत तक पहुंची।

बिजली विभाग के कर्मचारियों ने दी सफाई
उधर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सफाई देते हुए कहा कि दुर्घटना 2016 की है और उस समय रामनगर डिवीजन अस्तित्व में नहीं था पूरा क्षेत्र बाराबंकी डिवीजन में आता था। बावजूद इसके कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई कार्यालय में ही की गई। फिलहाल बिजली विभाग का दफ्तर कुर्क का यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।

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